कैट ( कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट ), प्रबंधन के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा के रूप में जाना जाता है. ‘मौजूदा समय में युवाओं की दिलचस्पी इस ओर कुछ ज्यादा बढ़ी है. फ़िर चाहे वे साधारण स्नातक छात्र हों या इंजीनियरिंग के छात्र या किसी और क्षेत्र के. युवाओं के बीच यह एक रुझान और आवश्यकता दोनों रूप में उभरा है.’
यह बात सामने आयी आइएमएस के संचालकों से बातचीत के दौरान.मैनेजमेंट कॉलेज में बतौर एमबीए लैक्चरर कार्य कर रहीं माधवी सिंह, एमबीए करने के पहले ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पर्सनालिटी डेवलपमेंट ट्रेनर के रूप में कार्यरत थीं. माधवी कहती हैं, ‘अच्छी नौकरी और पैकेज होने के बावजूद, वहां कार्य के दौरान महसूस हुआ कि मुझे एमबीए करना चाहिए. एमबीए करने का निश्चय करते ही मैंने नौकरी छोड़ी और कैट दिया. इसके बाद कॉलेज में प्रवेश लिया.’ मैं एमबीए ऐस्परेंट्स से एक बात जरूर कहना चाहूंगी कि मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश लेने भर से आप किसी कंपनी के सीइओ बनने का ख्वाब न देखें. एक कॉलेज में बहुत सी चीजें सिखायी जाती हैं. यह छात्र पर निर्भर करता है कि वह क्या सीखता है और क्या छोड़ता है.
किसी भी मैनेजमेंट कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आप प्रबंधन के क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं, आप आगे क्या करना चाहते हैं ? उसी के आधार पर कॉलेज में पढ़ाई जा रही चीजों को ग्रहण करें, विभिन्न क्रियाओं में भाग लें. ताकि आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक विकास हो पाये.
विद्यार्थियों को कैट के स्कोर का इंतजार नहीं करना चाहिए, क्योंकि स्कोर जनवरी में आता है. तब तक अधिकतर कॉलेजों के फ़ॉर्म निकल चुके होते हैं. मॉक टेस्ट के आधार पर कॉलेज चुन लें. फ़ाइनल स्कोर मॉक टेस्ट के स्कोर के आसपास ही होता है. कैट की प्रतिष्ठा को देखते हुए इसे दिन-प्रतिदिन और बेहतर करना भी जरूरी है. इसी क्रम में कैट 2011 में भी कुछ परिवर्तन किये गये हैं.
परिवर्तन का आधार सुधारात्मक
कैट 2011 में कुछ परिवर्तन किये गये हैं. इन परिवर्तनों के पीछे मुख्य उद्देश्य कैट को अंतरराष्ट्रीय स्तर की परीक्षा बनाना है.
इस बार परीक्षा में समय से लेकर सेक्शन तक में बदलाव किया गया है. इस वर्ष के कैट में होने वाले परिवर्तन, इस प्रकार हैं-
इस बार के कैट के पेपर में तीन सेक्शन के बजाय दो सेक्शन आयेंगे. पहले सेक्शन में क्वांटिटेटिव ऐबलिटी और डेटा इंटरप्रेटेशन है. दूसरे सेक्शन में वर्बल ऐबलिटी और लॉजिकल रीजनिंग है.
इस बार के कैट में पांच मिनट एक्सट्रा दिये जायेंगे. पेपर करने के लिए कुल 140 मिनट मिलेंगे. साथ ही पेपर की शुरुआत से पहले 15 मिनट और मिलते हैं.
एक सेक्शन को 70 मिनट दिये गये हैं. इस बीच में न ही छात्र सवाल छोड़ कर आगे बढ़ सकते हैं और न ही पीछे आ सकते हैं. यानी पीछे आने और आगे बढ़ने के विकल्प पर ताला लग गया है.
टेस्ट सेंटर पर पहुंचने के समय में 30 मिनट घटाये गये हैं. पहले के मुकाबले छात्रों को सेंटर पर 30 मिनट पहले पहुंचना होगा.
इस बार उत्तर भारत में तीन नये परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं.
कौन करता है आयोजन
कैट, आइआइएम द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा है. इसी के माध्यम से विभिन्न इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश मिलता है.
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