Thursday 8 September 2011

अपनी कमजोरी को बनायें अपनी ताकत



कई बार आपकी सबसे बड़ी कमजोरी आपकी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है. इस कहानी को उदाहरण माना जा सकता है, जिसमें कार एक्सीडेंट के बाद अपना बायां हाथ गवां चुके 10 साल के एक बच्चे ने जूडो सीखने का निर्णय लिया.

लड़के ने एक बूढ़े जापानी जूडो मास्टर से प्रशिक्षण लेना शुरू किया. प्रशिक्षण में वह लड़का बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, इसलिए वह समझ नहीं पा रहा था कि ओखर क्या कारण है कि तीन महीने में मास्टर ने उसे केवल एक ही दावं खेलना सिखाया. लड़के से रहा नहीं गया. उसने मास्टर से पूछा, सेंसाइ (मास्टर) क्या मुङो और ज्यादा दावं नहीं सीखना चाहिए. सेंसाइ ने उत्तर दिया, यह एकमात्र दावं है, जो तुम जानते हो, लेकिन यही वह एकमात्र दावं है और रहेगा, जिसके बारे में तुम्हें जानना चाहिए. लड़का सेंसाइ की बातों को ठीक से समझ नहीं सका, लेकिन उसे भरोसा था, इसलिए वह प्रशिक्षण लेता रहा.कुछ महीने बाद सेंसाइ उसे पहले टूर्नामेंट के लिए ले गया.

लड़के को खुद आश्चर्य हुआ कि वह पहले दो मैच आसानी से जीत गया. तीसरा मैच थोड़ा कठिन था, लेकिन कुछ देर बाद उसका प्रतिद्वंद्वी थक कर चूर हो गया. लड़के ने एक वार किया और मैच जीत गया. अपनी सफ़लता से अभी भी वह आश्चर्यचकित था, लेकिन वह फ़ाइनल में पहुंच चुका था. फ़ाइनल में उसका प्रतिद्वंद्वी ज्यादा बड़ा, मजबूत और काफ़ी अनुभवी था. लड़का थोड़ा डर गया. रेफ़री को लगा कि लड़का चोटिल हो सकता है, वह टाइम आउट करना चाहता था. वह मैच को रोकने ही वाला था कि सेंसाइ ने उसे रोकते हुए कहा- उसे जारी रखने दो.जल्द ही मैच शुरू हो गया. लड़के के प्रतिद्वंद्वी ने एक गलती कर दी, उसने अपना गार्ड हटा दिया.

लड़के ने अपना दावं आजमाया. लड़का वह मैच और टूर्नामेंट जीत चुका था. वह चैंपियन बन गया था. घर जाते समय लड़के ने सेंसाइ से हर मैच के बारे में बारीकी से पूछने लगा. फ़िर लड़के ने सेंसाइ ने पूछा कि सिर्फ़ एक दावं से ही कैसे वह यह टूर्नामेंट जीतने में सफ़ल रहा? सेंसाइ ने कहा, तुम दो कारण से यह टूर्नामेंट जीत सके. पहला, तुम उस एक दावं के लगभग मास्टर बन चुके हो, जो जूडो में सबसे कठिन माना जाता है और दूसरा, इस दावं से बचने का प्रतिद्वंद्वी के पास एक ही रास्ता था, तुम्हारे बायें हाथ को पकड़ना.

लड़के की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी ताकत बन चुकी थी.हर कोई खास और महत्वपूर्ण है. इसलिए अगर सफ़ल होना है, तो बिना अपनी कमजोरी के बारे में सोचे, आपमें जो बेस्ट है, उसे सामने लायें. अवसर की कमी नहीं है. यह आप भी नहीं जान सकते कि कब एक सही अवसर आपका दरवाजा खटखटायेगा और कब आपकी सबसे बड़ी कमजोरी ही आपकी ताकत बन जायेगी. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचें.

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